Sunday 22 February 2015

चुप चुप



<3

चुप चुप रहना भी मुश्किल है। 
और कुछ कहना भी मुश्किल है। 
मुलाकात से लाज लगे पर,
दूरी सहना भी मुश्किल है। 

जब से प्यार किया है उनसे,
हरा भरा मौसम लगता है। 
बिन उनके में अलसाई थी,
अब चलने का दम लगता है।
पल भर में ही ख्वाब हजारों,
मैं उनके संग बुन लेती हूँ ,
कुछ वो मेरी सुनते हैं और,
कुछ मैं उनकी सुन लेती हूँ। 

हम दोनों हैं नदी की धारा,
बिछड़ के बहना भी मुश्किल है। 
मुलाकात से लाज लगे पर,
दूरी सहना भी मुश्किल है। " <3

चेतन रामकिशन "देव" Chetan Ramkishan "Dev "

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